वार्षिक उत्सव : ● ५ जनवरी भक्तो द्वार स्वामीजी का जन्मोत्सव ● घटस्थापन- चैत्र नवरात्र उत्सव ● घटस्थापन- आश्विन/कुवांर नवरात्र उत्सव ● महाशिवरात्रि ● हनुमान जयंती ● गुरुपूर्णिमा ● संत ज्ञानेश्वर महाराज की पलाखी उत्सव

सुरसंगम सिद्ध आश्रम

महात्यागी सेवा संस्थान ट्रस्ट, ईजनी, (धर्मापुरी) गट ग्रामपंचायत, नागपुर, महाराष्ट्र


हिमालय की तपस्या पूर्ण करने के बाद, ३ साल की तीर्थयात्रा पर निकल पड़े। गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ, मानसरोवर, ऋषिकेश, हरिद्वार, जगन्नाथपुरी, भुवनेश्वर, श्री शैलम मीनाक्षी मंदिर (मधुराई), आंजनेय स्वामी हनुमानजी, नामाकल्प (तमिलनाडू) आदि के दर्शन करते हुए चेन्नई से नागपुर जिले में मौदा तहसील के ईजनी गांव में आगऐ ।

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समाधी स्थल

महंत छोटे बालकदास महात्यागी बाबा

पंचमुखी हनुमानजी

हनुमानजी

दुर्गा माता

गुरु बिन ज्ञान न उपजे, गुरु बिन मिले न मोक्ष,

गुरु बिन लखे न सत्यको, गुरु बिन मिटे न दोष ।

प्रिय भक्तगण,

। । सीताराम । ।

आप समस्त महोदय / महोदया को सविनय आव्हान किया जाता है कि "महात्यागी सेवा संस्थान, सुर संगम सिद्ध आश्रम", ईजनी (धर्मापुरी ), तहसील-मौदा, जिला-नागपुर मे आश्रम का जीर्णोद्धार, हनुमान मंदिर, देवी मंदिर, भक्त निवास, सीता रसोई घर, संत निवास, भव्य गौशाला, भव्य दवाखाना गरीब लोगो की सेवा हेतू ,हिंदू व्यायाम शाळा हिंदू सनातन बाल संस्कार केंद्र योग ध्यान मंदिर गरीब छात्र के लिए कॉम्प्युटर शिक्षा निशुल्क सेवा केंद्र इत्यादी निर्माण कार्य नियोजित है। यह ईश्वर कृपा से प्रगति पथं पर है ।

उपरोक्त समस्त कार्य नियोजित समय व योजनानुसार पूर्ण होना अपेक्षित है । जिसकारण आश्रम मे आनेवाले सभी भक्तगण संत और गौ-माता सुविधा से लाभान्वित होंगे । जिससे इस पवित्र भूमि पर आनेवाले प्रत्येक भक्त को पूजापाठ ध्यान, सेवा के लिये अधिकाधिक समय रुकने कि दृढ इच्छा हो, यही इसका उद्देश है ।

गुरु को सिर राखिये,चलिये आज्ञा माही ,

कहै कबीर ता दास को , तीन लोको भय नाही ।

इस निवेदन द्वारा समस्त भक्तो को आव्हान किया जाता है कि, जैसे भगवान पुरुषोत्तम श्रीराम के सेतु निर्माण हेतु नन्हीं गिलहरी ने अपनी क्षमता के अनुसार सहायता कि थी । उसी प्रकार हम सभी इस सत्कार्य मे धनराशि या फिर निर्माण कार्य सामग्री, बिजली सामग्रीका अपनी शक्ती के अनुसार बहुमूल्य सहायता करें, तथा गुरु व स्वामी इच्छा से नियोजित पवित्र धार्मिक कार्य को पूर्णता प्रदान करे, यही नम्र बिनती । धन्यवाद ।

यह तन विष की बेलारी, गुरु अमृत कीं खान,

सिस दिजे जो गुरु मिले, तो सस्ता जान ।

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गौशाला निर्माण

सीता रसोई निर्माण

आश्रम निर्माण

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